मासिक पाठ्यक्रम योजना माह मार्च पाठ प्रस्तावित कालाांश गद्य खांड - स्पशच पाठ - 6 बड़ेभाईसाहब( प्रेमचंद ) मुख्य ब द ां ु : पाठ का आदर्शवाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास - प्रश्न, संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | उद्देश्य : आधनु नक तथा प्राचीन शर्क्षाप्रणाली का तुलनात्मक ज्ञान ; संबंधों में कत्तशव्य बोध एवं आदर भाव जागत ृ करना | योग्यता विस्तार : ‘ प्रेमचंद की कहाननयों की जीवन में प्रासंधगकता ‘ ववषय पर कक्षा पररचचाश | ‘ शर्क्षा रटं त ववद्या नहीं है ‘ ववषय पर कक्षा पररचचाश | रर्नात्मक गततविधि : नाट्य रूपांतरण त्वररत वाचन िहायक िे िाइट : http://www.youtube.com/watch?v=Gn2CtkiB8rk http://www.youtube.com/watch?v=lErGSLLDWD0 http://www.esnips.com/displayimage.php?pid=180549 http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage माह पाठ अप्रैल काव्य खांड - स्पशच पाठ- प्रस्तावित कालाांश 21 साखी ( कबीर ) गद्य खांड - स्पशच पाठ – डायरी का एक पन्ना ( सीताराम सेकसररया ) व्याकरण - र्ब्द , पद, पदबंध, अपठठत गद्यांर् उद्देश्य : ज्ञान , नीनत, व्यावहाररकता तथा आध्यात्त्मक भावों से पररधचत करवाना | डायरी लेखन की कला से पररधचत करवाना | स्वतंत्रता आंदोलन में कलकत्तावाशसयों की भूशमका से अवगत करवाना | मुख्य ब द ां ु : कववता का रसास्वादन कववता में आने वाले र्ब्दों के अशभधा , लक्षणा व व्यंजना रूप से पररचय | पाठ का आदर्श वाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास - प्रश्न संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | योग्यता विस्तार : ‘ ऐसी वाणी बोशलए मन का आपा खोइ ‘ववषय पर अनुच्छे द लेखन | ‘ कस्तरू ी ‘ के ववषय में जानकारी एकत्रत्रत करना | कबीर के संकशलत दोहों के अनतररक्त नीनतपरक दोहों को पढ़ने के शलए प्रेररत करना | स्वतंत्रता आंदोलन में ‘ मठहलाओं की भशू मका ‘ ववषय पर कक्षा पररचचाश | कलकत्ता से संबंधधत स्वतंत्रता सेनाननयों ववषयक जानकारी एकत्रत्रत करना | रर्नात्मक गततविधि : साक्षात्कार िहायक िे िाइट : http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://www.youtube.com/watch?v=qc72lpEc3kc http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage टटप्पणी : प्रथम इकाई परीक्षा िांभावित , माह मई पाठ काव्य खांड - स्पशच प्रस्तावित कालाांश 16 पाठ- पद ( मीराबाई ) िांर्यन पाठ- हररहर काका उद्देश्य : भत्क्त भाव व समपशण भाव का संचार करवाना | लयात्मकता का बोध करवाना | उपेक्षक्षत वद्ध ृ ों के प्रनत संवेदनर्ील बनाते हुए कत्तशव्योन्मुखी करना | मुख्य ब द ां ु : कवनयत्री का संक्षक्षप्त पररचय , सरलाथश , भावाथश तथा काव्य - सौंदयश (भाव – सौंदयश तथा शर्ल्प - सौंदयश ) पाठ का आदर्शवाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास - प्रश्न | योग्यता विस्तार : रै दास व सूरदास के भत्क्त पद का संकलन व कक्षा में सस्वर वाचन | श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त मीराबाईजी का जीवन व साठहत्त्यक पररचय की जानकारी एकत्रत्रत करना | ‘ उपेक्षक्षत वद्ध ृ ावस्था ‘ ववषय के अंतगशत ककसी उपेक्षक्षत वद्ध ृ का र्ब्द-धचत्र | अपने क्षेत्र के वद्ध ृ ाश्रमों की जानकारी एकत्रत्रत कर , वद्ध ृ ों की बढ़ती संख्या पर ररपोटश तैयार करना | रर्नात्मक गततविधि : वाद-वववाद पररचचाश स्वअनुभव मंचन कहानी रचना िहायक िे िाइट : http://hi.shvoong.com/books/ http://www.youtube.com/watch?v=dzZyrUBbc7U http://www.bharatdarshan.co.nz/hindi/index.php?page=meerabai_biography http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage माह जुलाई पाठ गद्य खांड - स्पशच प्रस्तावित कालाांश 25 पाठ - ततााँरा – वामीरो कथा ( लीलाधर मंडलोई ) काव्य खांड - स्पशच पाठ- पवशत प्रदे र् में पावस ( सुशमत्रानंदन पंत ) व्याकरण - संधध ( स्वर-संधध ) , पद-पररचय , अपठठत काव्यांर् उद्देश्य : लोककथा के माध्यम से लोकजीवन की झााँकी प्रस्तत ु करना | पावस ऋतु में पवशत प्रदे र् के ववववधता पण ू श प्राकृनतक सौंदयश का रसास्वादन | व्याकरणणक जानकारी के द्वारा भाषा के मानक रूप को समझाना | मुख्य ब द ां ु : पाठ का आदर्श वाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास - प्रश्न , संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | कवव का संक्षक्षप्त पररचय , सरलाथश , भावाथश तथा काव्य - सौंदयश (भाव –सौंदयश तथा शर्ल्प - सौंदयश ) वणश , स्वर तथा व्यंजन में अंतर संधध तथा समास में शभन्नता योग्यता विस्तार : अंडमान ननकोबार द्वीप समूह में रहने वाली प्रमुख जनजानतयों की जानकारी एकत्रत्रत करना| अंडमान ननकोबार द्वीप समूह की भौगोशलक ववर्ेषताओं की जानकारी एकत्रत्रत करना | दे खना किया के ववशभन्न र्ब्द प्रयोग से संबंधधत मुहावरों का संकलन| ‘ वषाश ऋतु ’ पर अनुच्छे द लेखन | ग्रीष्मावकार् में शमत्र को पवशतीय प्रदे र् के भ्रमण हे तु आमंत्रण पत्र | पाठ्य पस् ु तक में संकशलत कववताओं के अनतररक्त अन्य काव्य रचनाओं का संकलन | रर्नात्मक गततविधि : नाट्य रूपांतरण त्वररत वाचन पॉवर प्वांइट प्रस्तुनत िहायक िे िाइट : http://simanchal.wordpress.com http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free टटप्पणी : द्वितीय इकाई परीक्षा िांभावित माह अगस्त पाठ प्रस्तावित कालाांश गद्य खांड - स्पशच 22 पाठ – तीसरी कसम के शर्ल्पकार : र्ैलेंद्र ( प्रहलाद अग्रवाल ) काव्य खांड - स्पशच पाठ - तोप ( वीरे न डंगवाल ) व्याकरण - समास , शमश्र व संयक् ु त वाक्य , वाक्य का रूपांतरण तथा अपठठत गद्यांर् | उद्देश्य : किल्म ननमाशण संबंधी जानकारी दे ना एवं भारत सरकार द्वारा परु स्कृत तीसरी कसम किल्म का समीक्षात्मक अध्ययन | ऐनतहाशसक ववरासत के महत्त्व को दर्ाशते हुए आततायी र्त्क्तयों के प्रनतकार हे तु प्रेररत करना सामाशसक पदों के द्वारा भाषा के संक्षक्षप्त रूप को समझाना | मुख्यब द ां ु : पाठ का आदर्श वाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास - प्रश्न ,कठठन र्ब्दों का कोषीय तथा व्यावहाररक अथश , संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | कवव का संक्षक्षप्त पररचय , सरलाथश , भावाथश तथा काव्य – सौंदयश (भाव – सौंदयश तथा शर्ल्प - सौंदयश ) योग्यता विस्तार : ककन्हीं दो पुरस्कृत किल्मों की समीक्षा शलखने का प्रयास | आंचशलक लेखक िणीश्वरनाथरे णु का जीवनवत ृ पढ़ना व अन्य रचनाओं की जानकारी प्राप्त करना | कंपनी बाग , मग ु ल गाडशन अथवा अन्य ककसी पाकश का र्ब्द धचत्र प्रस्तत ु करना | 1857 के संग्राम की जानकारी व सेनाननयों की सच ू ी तैयार करना | पाठ्य पस् ु तक के अनतररक्त गद्य रचनाओं का संकलन त्जनमें संयक् ु त , शमधश्रत वाक्यों तथा समास का अधधकतमप्रयोग ककया गया हो | रर्नात्मक गततविधि : चररत्र प्रस्तुतीकरण जूननयर ररपोटश र घटना का नाट्य रूपांतरण मौशलक भावों की अशभव्यत्क्त गम ु र्द ु ा नोठटस िहायकिे िाइट http://hi.wikipedia.orgE0 %A4%B0 http://agoodplace4all.com/?p=798 http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage माह सितम् र पाठ प्रस्तावितकालाांश गद्य खांड – स्पशच 10 पुनरावत्ृ त्त काव्यखांड – स्पशच पुनरावत्ृ त्त व्यािहाररक व्याकरण – पदपररचय , पदबंध , संधध , समास,रचना के आधार पर वाक्य भेद , अनुच्छे द लेखन ,औपचाररक पत्र लेखन ,मुहावरे तथा लोकोत्क्त की उद्देश्य : पुनरावत्ृ त्त | संकलनात्मक परीक्षा के शलए छात्रों को तैयार करना | मुख्य ब द ां ु : पारस्पररक शर्क्षण के द्वारा छात्रों की समस्या का समाधान | योग्यता विस्तार : सम्बंधधत पाठ से प्रश्नों की संकल्पना द्वारा प्रश्न ननमाशण की योग्यता का ववस्तार करना | रर्नात्मक गततविधि : प्रश्न - मंच िहायक िे िाइट : http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage टटप्पणी : िांकलनात्मक परीक्षा - 1 िांभावित माह अक्तू र पाठ प्रस्तावितकालाांश गद्य खांड - स्पशच 23 पाठ - धगरधगट ( अंतोन चेखव ) काव्य खांड - स्पशच पाठ - दोहे ( त्रबहारी ) व्याकरण - वाक्य संर्ोधन िांर्यन - सपनों के – से ठदन ( शमधथलेश्वर ) उद्देश्य : समाज में व्याप्त अवसरवाठदता , अराजकता व भ्रष्टाचार के प्रनत जागरूकता | श्रग ंृ ार , भत्क्त व नीनत परक ज्ञान प्रदान करना | दोहा छं द से पररधचत करवाना | भावषक अर्ुवद्धयों से पररधचत करवाकर भाषा का मानक रूप शसखाना | बाल मनोववज्ञान की जानकारी दे ते हुए अनुर्ाशसत जीवन के शलए प्रेररत करना | मख् ां ु : ु य ब द पाठ का आदर्श वाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास प्रश्न ,कठठन र्ब्दों का कोषीय तथा व्यावहाररक अथश , संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | कवव का संक्षक्षप्त पररचय , सरलाथश , भावाथश तथा काव्य – सौंदयश (भाव – सौंदयश तथा शर्ल्प - सौंदयश ) कववता में आने वाले र्ब्दों के अशभधा , लक्षणा व व्यंजना रूप से पररचय | योग्यता विस्तार : रूसी लेखक अंतोन चेखव की अन्य रचनाओं को पढ़ना | अपने आस – पास ककसी धगरधगट जैसे व्यत्क्तत्व की कक्षा में चचाश करना | दोहों के आधार पर त्रबहारी की काव्यगत ववर्ेषताओं पर ठटप्पणी लेखन | श्रग ृ ार परक दोहों का संकलन करना ऐसे छात्र त्जन्हें पढ़ने में त्रबल्कुल अरुधच है , उनके बारे में जानकारी एकत्रत्रत कर अरुधच का कारण व समाधान प्रस्तुत करना | रर्नात्मक गततविधि : कहानी का नाट्य मंचन शभत्ती पत्रत्रका स्लोगन िहायकिे िाइट en.wikipedia.org/wiki/Bihari_Lal http://hi.wikipedia.org http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage माह पाठ प्रस्तावितकालाांश नवम्बर गद्य खांड - स्पशच 20 पाठ – अब कहााँ दस ू रे के दख ु से दख ु ी होने वाले ( ननदा फाज़ली ) काव्य खांड - स्पशच पाठ - मधरु – मधरु मेरे दीपक जल ( महादे वी वमाश ) िांर्यन – टोपी र्ुक्ला (राही मासूम रज़ा ) व्याकरण - संधध , समास तथा पदबंध उद्देश्य : प्रकृनत के साथ सात्न्नध्य , संवेदनर्ीलता व पयाशवरण संबंधी जागरूकता उत्पन्न करना ईश्वर की सत्ता के प्रनत आस्थावान बनने की प्रेरणा दे ना | साम्प्रदानयक सद्भाव एवं बालमनोववज्ञान की सूक्ष्मताओं से पररधचत करवाना | व्याकरणणक जानकारी के द्वारा भाषा के मानक रूप को समझाना | मख् ां ु : ु य ब द पाठ का आदर्श वाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास प्रश्न ,कठठन र्ब्दों का कोषीय तथा व्यावहाररक अथश , संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | कवव का संक्षक्षप्त पररचय , सरलाथश , भावाथश तथा काव्य – सौंदयश (भाव – सौंदयश तथा शर्ल्प - सौंदयश ) कववता में आने वाले र्ब्दों के अशभधा , लक्षणा व व्यंजना रूप से पररचय | योग्यता विस्तार : ‘ दे वदत्त एवं गौतम की हं स की प्राण रक्षा ‘ ववषय पर आधाररत कववता को कक्षा में सुनाना | ग्रीन हाउस संबंधी कायों पर ठटप्पणी | सुश्रीमहादे वी वमाश का जीवनवत ृ पढ़ना व अन्य रचनाओं की जानकारी प्राप्त करना | सुश्रीमहादे वी वमाश तथा मीराबाई की भत्क्त का तुलनात्मक अध्ययन | कहानी का सबसे रोचक प्रसंग कौन – सा और क्यों ववषय पर चचाश | ऐसी कहाननयों का संकलन त्जनमें बच्चों के मैत्रीपूणश संबंधों को दर्ाशया गया हो | रर्नात्मक गततविधि : आर्ुभाषण िहायक िे िाइट : http://hi.wikipedia.org http://www.youtube.com/watch?v=wGqTEwDqtgo http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage माह पाठ प्रस्तावित कालाांश ठदसम्बर गद्य खांड - स्पशच 23 पाठ – पतझड़ की टूटी पत्त्तयााँ (रवींद्र केलेकर) काव्य खांड - स्पशच पाठ – मनुष्यता (मैधथलीर्रण गुप्त ) पाठ – कर चले हम कफदा ( कैफी आज़मी ) व्याकरण - सरल , संयुक्त व शमश्र वाक्य अपठठत गद्यांर् तथा अपठठत काव्यांर् | उद्देश्य : व्यावहाररक दौर में आदर्ों की प्रासंधगकता समझाना | मानशसक तनाव व उसे दरू करने के उपाय से पररधचत करवाना | श्रेष्ठ मानव धमश से पररधचत करवाते हुए परोपकार की महत्ता को जागत ृ करना | र्हीदों के प्रनत श्रद्ध ृ ांजली अवपशत करते हुए दे र् के प्रनत प्राणोंत्सगश करने के शलए उद्यत करना | व्याकरणणक जानकारी के द्वारा भाषा के मानक रूप को समझाना | मुख्यब द ां ु : पाठ का आदर्श वाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास प्रश्न ,कठठन र्ब्दों का कोषीय तथा व्यावहाररक अथश , संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | कवव का संक्षक्षप्त पररचय , सरलाथश , भावाथश तथा काव्य - सौंदयश (भाव – सौंदयश तथा शर्ल्प - सौंदयश ) कववता में आने वाले र्ब्दों के अशभधा , लक्षणा व व्यंजना रूप से पररचय | योग्यता विस्तार : गााँधीजी की पुस्तक सत्य के प्रयोग पढ़ने के शलए प्रेररत करना | टी-सेरेमनी का र्ब्द धचत्र तथा जापाननयों की जीवन र्ैली पर चचाश | आधनु नक समय में जापाननयों द्वारा र्ांनत प्राप्त करने के अन्य साधनों की जानकारी एकत्रत्रत करना | ‘ परोपकार ‘ ववषय पर आधाररत श्लोक व दोहों का संकलन | दे र्भत्क्त के गीतों का कक्षा में गायन | कैिीआज़मीसायरकीजानकारीअत्जशतकरना | रर्नात्मक गततविधि : पररयोजना कायश संस्मरण िहायक िे िाइट : http://hindisabhaktr3.blogspot.com http://chitrageet.blogspot.com/ http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage माह पाठ प्रस्तावितकालाांश जनवरी गद्य खांड - स्पशच 14 पाठ - कारतूस( हबीब तनवीर ) काव्य खांड - स्पशच पाठ - आत्मत्राण ( रवीन्द्रनाथ ठाकुर ) व्याकरण - अनुच्छे द लेखन तथा औपचाररक पत्र लेखन | उद्देश्य ऐनतहाशसक पष्ृ ठभशू म में वज़ीरअली के साहशसक कारनामों द्वारा छात्रों में साहस व दे र् भत्क्त का संचार करना | भाग्यवादी न बनकर ववपत्त्त को आत्मबल से सामना करने की शर्क्षा दे ना | छात्रों मे समसामनयक ववषयों पर ववचाराशभव्यत्क्त करने का कौर्ल जागत ृ करना | मुख्य ब द ां ु : पाठ का आदर्श वाचन , कठठन अंर्ों का स्पष्टीकरण , पाठ के आधार पर अभ्यास प्रश्न ,कठठन र्ब्दों का कोषीय तथा व्यावहाररक अथश , संबंधधत अंर्ों की व्याकरणणक जानकारी | कवव का संक्षक्षप्त पररचय , सरलाथश , भावाथश तथा काव्य – सौंदयश (भाव – सौंदयश तथा शर्ल्प - सौंदयश ) कववता में आने वाले र्ब्दों के अशभधा , लक्षणा व व्यंजना रूप से पररचय | योग्यता विस्तार : चंद्रर्ेखर आज़ाद के साहशसक कायों की जानकारी अत्जशत करना | सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा रधचत कववता झांसी की रानी की समाधध का कववता पाठ | आत्मबल तथा आत्मववश्वास का भाव प्रगट करने वाले दो गीत अथवा कववता का संकलन करना | रवींद्रनाथ टै गोर की नोबल पुरस्कार के सम्माननत कववता गीतांजशल की जानकारी एकत्रत्रत करना | रर्नात्मक गततविधि : चतष्ु कोणीय िहायक िे िाइट : http://hi.wikipedia.org/wiki/ http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage माह पाठ प्रस्तावितकालाांश िरवरी गद्य खांड – स्पशच 10 पुनरावत्ृ त्त काव्यखांड – स्पशच पुनरावत्ृ त्त िांर्यन - पाठ – टोपी र्ुक्ला तथा सपनों के – से ठदन की पुनरावत्ृ त्त | व्यािहाररकव्याकरण – पदपररचय , पदबंध , संधध , समास,रचना के आधार पर उद्देश्य : वाक्य भेद तथा वाक्य –संर्ोधन की पुनरावत्ृ त्त | समस्त पाठ्यिम की पुनरावत्ृ त्त द्वारा छात्रों की स्मरण र्त्क्त को पुनबशशलत करना | मुख्य ब द ां ु : पारस्पररक शर्क्षण के द्वारा छात्रों की समस्या का समाधान | योग्यता विस्तार : सम्बंधधत पाठ से प्रश्नों की संकल्पना द्वारा प्रश्न ननमाशण की योग्यता का ववस्तार करना | रर्नात्मक गततविधि : प्रश्न - मंच िहायक िे िाइट : http://pustak.org/home.php?bookid=4883&booktype=free http://shikshagar.pbworks.com/w/page/43620462/FrontPage मुख्यब द ां ु योग्यताविस्तार रर्नात्मकगततविधि िहायकिे िाइट
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